क्रिकेट इतिहास की 5 ऐसी परियां जिन्हें विश्व की सबसे निस्वार्थ पारियों में गिना जाता है, लिस्ट में चार भारतीयों ने जीता है दिल


क्रिकेट को जेंटलमैन मैन यूं ही नहीं कहा जाता है। क्रिकेट के मैदान पर उतरने वाले 11 खिलाड़ियों को एक जुट होकर खुद के रिकॉर्ड या पारी से पहले टीम की जरूरत और टीम के लिए सोचना पड़ता है। ऐसी ही पांच परियों के विषय में हम आज आपको बताने जा रहें हैं। इन पांच पारियों में चार भारतीय और एक मात्र विदेशी पारी शामिल है। जानिए उन पांच पारियों के बारे में…

रॉबिन उथप्पा ( Robin Uthappa)

भारतीय क्रिकेट टीम में 2014 में श्रीलंका के खिलाफ रॉबिन उथप्पा ( Robin Uthappa) वापसी कर रहे थे। जिसके बाद मैच में रॉबिन उथप्पा और रोहित शर्मा क्रीज पर मौजूद थे। मैच में रोहित शर्मा ने 264 रन की अपनी शानदार पारी खेली थी। लेकिन मैच के दौरान टीम में वापसी कर रहे खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा 16 गेंदों में 16 रन ही बनाए थे। वो दूसरे छोर पर रहना चाह रहे थे, जबकि शॉट लगाकर वो मैच आगे बढ़ा सकते थे। उन्होंने लगभग 11 ओवर्स बल्लेबाजी की थी। वन डे इंटरनेशनल में रोहित शर्मा का श्री लंका का 264 रन का स्कोर सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।

वीरेंद्र सहवाग ( Virendra Sehwag)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने चेन्नई टेस्ट में जिसमें चौथी पारी में 387 रन की जरूरत थी। साथ ही टीम मुश्किल में भी थी। उस मैच में वीरेंद्र सहवाग ने 68 गेंदों में 83 का स्कोर बनाया था। जिसके बाद युवराज सिंह ने बाद में अच्छी पारी खेलकर मैच जिताया था। इस मैच का हीरो युवराज सिंह को कहा जाता है, जबकि वीरेंद्र सहवाग की पारी के चलते युवराज सिंह अच्छे से खेल सके थे और रन चेस के बेहतरीन खिलाड़ी भी बने थे।

सौरव गांगुली ( Saurav Gaguli)

सौरव गांगुली का नाम आते ही लॉर्ड्स के मैदान पर शर्ट उतरते हुए उनकी नेटवेस्ट ट्रॉफी के दौरान की छवि सामने आ जाती है। शर्ट उतार कर लहराने वाली छवि सामने आती है। लेकिन इसी फाइनल मैच में उन्होंने एक निस्वार्थ पारी भी खेली थी। भारतीय टीम को 326 रन का पीछा करना था, वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली ने मिलकर 43 गेंदों पर 60 रन बनाए थे। जिसके बाद युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ में मैच में जीत दिलाई थी। मैच में सौरव गांगुली के योगदान को भूलकर सिर्फ शर्ट लहराना याद रखा जाता है।

वीरेंद्र सहवाग ( Virendra Sehwag)

इस निस्वार्थ पारी वाली लिस्ट में वीरेंद्र सहवाग के नाम एक और बार शामिल किया जाना जरूरी है। वीरेंद्र सहवाग ने 2008 गाले टेस्ट मैच में जमकर गेंदबाजी की क्लास लगाई थी। वीरेंद्र सहवाग इस मैच में 199 रन पर थे। टीम के 9 विकेट गिर चुके थे। इशांत शर्मा दूसरे छोर पर थे। उन्होंने टीम के रन के लिए एक रन नहीं किया। जिसके चलते वो डबल सेंचुरी बनाने वाले उस समय रह गए। लेकिन बाद में 201 रन बनाए लेकिन अपनी डबल सेंचुरी से टीम की जरूरत आगे रखना उनकी इस पारी को निस्वार्थ बताया है।

माइकल क्लार्क ( Michael Clarke)

ऑस्ट्रेलिया टीम के महान बल्लेबाज और कप्तान माइकल क्लार्क 2012 में भारत के खिलाफ महत्वपूर्ण सीरीज खेल रहे थे। भारत के खिलाफ इस पारी में उन्होंने नाबाद 329 रन बनाए। उस समय वो मैथ्यू हेडन का रिकॉर्ड तोड़ कर ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी टेस्ट पारी का रिकॉर्ड बना सकते थे। लेकिन उस समय उन्होंने टीम के विषय में सोचा। माइकल क्लार्क के पास इतना समय था की वो ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़ आगे निकल सकते थे लेकिन टीम के बारें में सोचकर उन्होंने पारी घोषित कर दी। जिसके चलते भारतीय टीम मैच में बुरी तरह से हार गयी थी।

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