पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को हुई एक साल की सजा , 34 साल पुराने मामले में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला


पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से तीन दशक पुराने एक मामले में बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 1988 के रोड रेज मामले में अपना फैसला देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पीड़ित परिवार द्वारा सिद्धू के खिलाफ दायर तीन दशक पुराने रोडरेज मामले में पुनर्विचार याचिका पर यह फैसला सुनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और संजय किशन कौल की बेंच ने यह फैसला दिया है इससे पहले कोर्ट के द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ रोडरेज मामले में नोटिस का दायरा बढ़ाने की मांग वाली एक याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपने खिलाफ रोडरेज मामले का दायरा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया था जिसमें कहा गया था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पीड़ित की मौत सड़क पर हुई झगड़े से हुई थी।

क्या था मामला ?

बता दें कि उच्च न्यायालय के द्वारा सिद्धू और सह आरोपी संधू को सितंबर 2006 में गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था इसमें उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी और दोनों पर इ एक एक लाख का जुर्माना लगाया था। 2007 में शीर्ष अदालत ने मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी जिससे उनके लिए अमृतसर लोकसभा सीट चुनाव लड़ने के रास्ते खुल गए थे.

बता दें कि अभियोजन पक्ष के अनुसार सिद्धू और संधू 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास खड़ी एक जिप्सी में कथित तौर पर मौजूद थे जब गुरनाम सिंह जसविंदर सिंह और एक अन्य व्यक्ति शादी के लिए पैसे निकालने के बैंक जा रहे थे। सिद्धू के खिलाफ यह आरोप लगाया कि जब वे क्रॉसिंग कर रहे थे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और सिद्धू व् संधू को अपने रास्ते से वाहन को हटाने के लिए कहा इससे उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. पुलिस ने दावा किया था कि सिद्धू ने पीड़ित को पीटा था और बाद में अपराध स्थल से भाग गया था घायल को अस्पताल ले गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था.

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